🌺 संपूर्ण सत्यनारायण पूजन विधि
श्री सत्यनारायण-पूजन तथा कथा-श्रवण अत्यन्त पवित्र,पुण्यप्रद और समस्त मङ्गलोंको प्रदान करनेवाला हैं । बड़े ही उत्साह एवं श्रद्धा-भक्तिसे समन्वित होकर इसका अनुष्ठान करना चाहिये । इससे जीवनमें सत्यकी प्रतिष्ठा स्थापित होती हैं और भगवान् की विशेष कृपा भी प्राप्त होती हैं ।
पूजन तथा कथा-श्रवण आदिके लिये किसी पवित्र स्थानमें, देवस्थानमें अथवा घरमें, मंदिरमें, मण्डप बनाकर उसको अनेक प्रकार से अलङ्कृत करना चाहिये । चारो तरफ भगवान् के सुन्दर विग्रहोंको लगाना चाहिये । मण्डपके मध्यमें भगवान् सत्यनारायण (श्री हरिविष्णु भगवान् का या शालग्रामशिला)-के लिये एक सिंहासन लगाकर उसपर भगवान् के विग्रहोंको प्रतिष्ठित करना चाहिये । यथासम्भव केलेके स्तम्भोंसे मण्डपको मण्डित करना चाहिये और भगवती तुलसी देवी-को स्थापित करना चाहिये ।।
🔹श्रीसत्यनारायण पूजन सामग्री
- रोली १ पै० , कलावा ३ पै० , सिन्दूर १ पै०, हल्दी पाउडर ५० ग्रा०, शहद ५० ग्रा० गुडबतासा १०० ग्रा० गङ्गाजल , जनेऊ ५ पीस, लाल कपड़ा १ मीटर , गमछा १ , अगरबत्ती १ पै०, माचिस १ , लौंग ५ रू०, इलायची ५ रू०, सुपारी ११ नग, बासमती चावल २०० ग्रा०, शुद्ध गाय घी, रूईबत्ती १ पै०, कपूर १० पीस, दोना १ पै०,
- नारियल, आम के पत्ते, फूलमाला, पंचमेवा, दिया ५ पीस , दूबघास , पानपत्ता ११ नग, तुलसीपत्ता, केला पत्ता, फल मिठाई स्वेच्छा पूर्वक, दूध १०० ग्रा०, दही १०० ग्रा०, जटा नारियल १ पीस,
🔹सम्पूर्ण हवन सामग्री
नारियल गोला १ पीस, आम की लकड़ी हवन अनुसार, नवग्रह लकड़ी १ पै०, दशांग हवन १ पै० , कालातिल १०० ग्रा०, जौ ५० ग्रा०, अक्षत २५ ग्रा०, इन्द्र जौ ५० ग्रा०, कमलगट्टा ५० ग्रा०, भोजपत्र १ पै०, गूगल १ पै०,

0 Comments:
एक टिप्पणी भेजें